झारखंड। 22 जनवरी का दिन भारत के लिए ऐतिहासिक होने वाली है। जहां एक तरफ 22 जनवरी को यूपी के अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि में बन रहे भव्य मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा होगा। प्रभु श्रीराम की विधिवत पूजा के साथ मंदिर में विराजमान होंगे। वहीं, दूसरी ओर देश के विभिन्न हिस्सों में तरह तरह के धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होने वाला है। इसी कड़ी में झारखंड के चांडिल में भी भव्य आयोजन किया जाएगा। जहां पूजन – हवन, नगर कीर्तन, महाआरती, महाभंडारा का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए आयोजकों द्वारा जोर शोर से तैयारी किया जा रहा है।
सरायकेला – खरसावां जिले के चांडिल बाजार में आगामी 22 जनवरी को धार्मिक अनुष्ठान के सफल आयोजन के लिए बैठक की गई। चांडिल के श्री श्री 108 खेलाई चंडी बजरंगदल अखाड़ा की बैठक हुई। अखाड़ा के अध्यक्ष मनोज सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में भारी संख्या में श्रद्धालुओं एवं स्थानीय लोगों ने उपस्थिति दर्ज की। इस अवसर पर मनोज सिंह ने कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में बने श्री राम जन्मभूमि मंदिर में श्रीराम लला विराजमान होने वाले हैं। इससे पूरे भारतवर्ष के रामभक्तों के बीच खुशी और श्रद्धा का माहौल है। श्रीराम जन्मभूमि स्थल पर होने वाली राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर अखाड़ा के नेतृत्व में श्रद्धालुओं द्वारा चांडिल तथा आसपास के क्षेत्र में स्थित सभी मंदिरों की साफ सफाई, नगर सज्जा, पूजन हवन, नगर कीर्तन, महाआरती के साथ महाभंडारा का आयोजन किया जाएगा।मनोज सिंह ने समस्त चांडिल वासियों से अपील करते हुए कहा कि श्रीराम जनभूमि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन सभी अपने घरों पर दीप प्रज्वलित कर दीपोत्सव मनाएं। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए परम सौभाग्य है कि हमारे पूर्वजों ने श्रीराम मंदिर के लिए अपने प्राणों की आहुति दी और लंबी लड़ाई के बाद हमें अपना अधिकार प्राप्त हुआ है। आज वर्षों की लड़ाई के बाद पूर्वजों के सपनों को साकार होते हुए देख हर भारतवासी प्रफुल्लित हो रहे हैं।
22 जनवरी से देश को मिलेगी नई पहचान : राकेश वर्मा
सेवा ही संकल्प है कि संस्थापक सदस्य सह श्रीराम भक्त राकेश वर्मा ने का मानना है कि 22 जनवरी को जब श्रीराम जन्मभूमि में श्रीराम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा किया जाएगा तो उस क्षण का गवाह विश्व के सभी रामभक्त बनेंगे। आज प्रतिदिन श्रीराम मंदिर के निर्माण और साज सज्जा की तस्वीरों को सोशल मीडिया में देखकर श्रद्धलुओं को गर्व की अनुभूति हो रही हैं। उन्होंने कहा कि 22 जनवरी से देश को नई पहचान मिलेगी। हम भारतवासी अपने आराध्य देव प्रभु श्रीराम तथा अपनी सांस्कृतिक विरासत के सम्मान के लिए प्राणों की आहुति देने से भी पीछे नहीं हटते हैं। हमारे पूर्वजों का इतिहास रहा कि श्रीराम जन्मभूमि पर संवैधानिक अधिकार के लिए लंबी लड़ाई लड़ी गई हैं, तभी आज श्रीराम का भव्य मंदिर निर्माण संभव हुआ है। राकेश वर्मा ने कहा कि 22 जनवरी के दिन हर भारतवासी अपने सारे काम छोड़कर श्रीराम को समर्पित करेंगे।